किसी का सच बताना किसी को अब वास्तविक नहीं लगता कठपुतली। किसी का सच बताना किसी को अब वास्तविक नहीं लगता कठपुतली।
सोच कर हम बढ़ायें अपने क़दम बीच में लड़खड़ाना नहीं ठीक है। सोच कर हम बढ़ायें अपने क़दम बीच में लड़खड़ाना नहीं ठीक है।
बिना बोले शोर मचाती है बिना बोले शोर मचाती है
लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पूछ्ते हैं, "और कितना वक़्त लगेगा" लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पूछ्ते हैं, "और कितना वक़्त लगेगा"
वक्त है संभल जाओ वरना तेरा परिवार बिखर जाएगा ! वक्त है संभल जाओ वरना तेरा परिवार बिखर जाएगा !
जीते कहा है कोई यहाँ हर वक्त देखो मौत क़रीब हो गई है। जीते कहा है कोई यहाँ हर वक्त देखो मौत क़रीब हो गई है।